नैतिक कहानी : किसान और गौरैया

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कहानियां कई प्रकार की होती हैं जैसे: पंचतंत्र की कहानी, प्रेरणादायक कहानी, नैतिक कहानी, अकबर और बीरबल की कहानी आदि। लेकिन हम अपने बच्चों को ऐसी कहानी सुनना चाहते हैं जिसके माध्यम से हमारा बच्चा बहुत कुछ सीख सके। बच्चाघर के इस लेख में हम आपको आज बहुत ही अच्छी और प्रेरणादायक नैतिक कहानी सुनाने जा रहे हैं। जिसके माध्यम से बच्चे के मानसिक विकास में वृद्धि हो सकती हैं।

किसान और गौरैया की कहानी:

बहुत समय पहले की बात हैं शिवपुर नामक गाँव में एक किसान रहता था जिसका नाम विष्णु था। उसके पास बहुत बड़ा खेत था जिसमें वह फसल उगाता था। खेत बड़ा होने के कारण विष्णु अकेले खेत में काम नहीं कर सकता था। इसलिए वह मजदूर और अपने परिवार वालों की मदद लेता था। एक बार किसान ने अपने खेत में गेंहू की फसल लगाई। उस साल उसकी फसल बहुत अच्छी हुई थी अब फसल पक चुकी थी। जिसको काटने के लिए वह सोच रहा था।

किसान के खेत में एक गौरैया ने घोंसला बनाया और उसमें अंडे दे दिए थे। कुछ दिन बाद अंडे से बच्चे आ गये थे। एक दिन गौरैया अपने बच्चों के लिए खाने की तलास में गई हुई थी। तभी किसान अपनी फसल देखने खेत में आया और बोला गेंहू पक चुके हैं कल मजदूर को लाकर गेंहू की कटाई शुरू करवा देता हूँ। किसान की बात गौरैया के बच्चे सुनकर घबरा गये।

थोड़ी देर बार गौरैया अपने बच्चों को खाना लेकर आई तो बच्चे अपनी माँ से बोली आज किसान आया था बोल रहा था कल मजदूर लेकर आएगा और इस फसल को कटवा देगा। गौरैया की माँ ने बोला घबराओ मत कल कोई फसल काटने नहीं आएगा। अगली सुबह ठीक वैसा ही हुआ किसान का खेत काटने कोई नहीं आया। उस दिन से दुबारा गौरैया और उसके बच्चे खुशी-खुशी रहने लगे।

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कुछ दिन बाद किसान फिर से अपनी फसल देखने के लिए खेत में आया। किसान फिर से कहने लगा की आज के युग में मजदूर नहीं मिल रहे हैं। कल अपने परिवार वालों को लेकर कर आता हूँ और फसल कटवा देता हूँ। किसान की बातें गौरैया के बच्चे सुन रहे थे। जब गौरैया की माँ वापस अपने घोंसले में आती हैं। तब उसके बच्चे किसान की बातें बताते हुए बोले आज किसान फिर आया था और बोल रहा था कल वह अपने परिवार वाले को लेकर आएगा और फसल को कटेगा।

गौरैया अपने बच्चों से बोली अभी घबराने वाली बात नहीं हैं कल कोई नहीं आएगा तुम लोग चिंता मत करो। अगली सुबह भी ठीक वैसा ही हुआ किसान का खेत काटने कोई नहीं आया। कुछ दिन बीतने के बाद किसान अपने खेत को देखने दुबारा आया और खेत के किनारे बैठ के बोल रहा था अब तो हमें किसी का सहारा नहीं लेनी चाहिए। कल मैं खुद गेंहू काटने के लिए आऊँगा।

उस दिन जब गौरैया वापस घर को आई उसने देखा की उसके बच्चे डरे हुए थे। गौरैया ने कारण जानना चाहा उसके बच्चे ने जबाब दिया माँ आज किसान खेत में आया था और बोल रहा था अब तो मजदूर और परिवार के लोग खेत में आने से माना कर दिये अब मुझे ही गेंहू को काटना पड़ेगा। कल से किसान खुद फसल को काटने आने वाला हैं। दूसरे बच्चे ने बोला अब हमारा क्या माँ।

गौरैया ने अपने बच्चे से बोली अब हमें यहाँ से निकलना ठीक रहेगा। लेकिन, गौरैया के बच्चों ने दुबारा बोले किसान तो कई बार से ऐसा बोल के जा रहा हैं इस बार भी ऐसे बोल के नहीं आएगा। अब माँ आप इतना परेशान क्यों हो उठी? गौरैया ने दुबारा फिर से बोला किसान अपने फसल को काटने के लिए अभी तक दूसरे के ऊपर निर्भर था। इसलिए उसकी फसल अभी तक नहीं कटी लेकिन अब वह खुद यह काम करना चाहता हैं तो निश्चित ही कल किसान फसल को काटने आएगा।

इसके बाद गौरैया अपने बच्चे को एक-एक करके दूसरे स्थान पर पहुचा दी। अगले दिन सुबह गौरैया किसान के उस खेत के पास आई और देखी तो किसान फसल को काट रहा था। गौरैया अपने द्वारा लिया हुआ फैसले से बहुत खुश हुई और सोचने लगी आज अगर समय से पहले हम यहाँ से नहीं निकले होते तो हम और हमारे बच्चे मारे जाते।

प्रेणादायक हिन्दी कहानी:

कहानी से नैतिक सीख:

इस कहानी से हमें यही सीख मिलती हैं की हमें कभी अपने से ज्यादा दूसरों पर भरोसा नहीं करनी चाहिए। जबकि एक सीख यह भी मिलती हैं जब तक किसान मजदूर और परिवार वालों का इंतजार कर रहा था अगर वह चाहता तो फसल को खुद काट सकता था। इसलिए, आलस नहीं करना चाहिए और थोड़ा-थोड़ा करके कार्य को करते रहना चाहिए। गौरैया से हमें सीख मिलती हैं की कोई भी काम समय से पहले कर लेना चाहिए।

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Last Reviewed: 03 May 2024

Next Review: 03 May 2025

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